Stand-Up India स्कीम के तहत 30,160 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन हुए स्वीकृत, 6 साल में इतने लोगों को मिली मदद
Stand-Up India Scheme News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस योजना के छह वर्षों के दौरान 1 लाख से ज्यादा महिला संरक्षकों (प्रमोटर) को लाभ मिला है. सरकार आर्थिक विकास को गति देने में इन उभरते उद्यमियों की क्षमता को समझती है, जो अपनी भूमिकाओं के माध्यम से न सिर्फ धन का, बल्कि रोजगार के अवसरों का भी सृजन करते हैं.
इस योजना के तहत अब तक 1,33,995 से ज्यादा खातों में लोन स्वीकृत किये गए हैं. (फोटो: https://twitter.com/nsitharaman)
इस योजना के तहत अब तक 1,33,995 से ज्यादा खातों में लोन स्वीकृत किये गए हैं. (फोटो: https://twitter.com/nsitharaman)
Stand-Up India Scheme News: स्टैंड अप इंडिया स्कीम के 6 साल पूरे हो गए हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला समुदाय के उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 5 अप्रैल 2016 को इसकी शुरुआत की गयी थी. योजना के केंद्र-बिंदु हैं - आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन. 2019-20 में स्टैंड अप इंडिया योजना को 15वें वित्त आयोग की पूरी अवधि यानि 2020-25 तक के लिए विस्तार दिया गया था.
इस अवसर पर, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम स्टैंड-अप इंडिया योजना की छठी वर्षगांठ मना रहे हैं, यह देखना सुखद है कि इस योजना के तहत अब-तक 1.33 लाख से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन करने वालों और उद्यमियों को सुविधा दी गई है.
The ‘Stand Up India’ Scheme has been empowering SC, ST and Women entrepreneurs, and has made it possible for them to create further employment. Here’s how the Scheme has benefitted SC/ST and women entrepreneurs since its inception in 2016: #6YearsOfStandUpIndia pic.twitter.com/UGyQSYfin8
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) April 5, 2022
1 लाख से ज्यादा महिला संरक्षकों को फायदा
सीतारमण ने आगे कहा कि इस योजना के छह वर्षों के दौरान 1 लाख से ज्यादा महिला संरक्षकों (प्रमोटर) को लाभ मिला है. सरकार आर्थिक विकास को गति देने में इन उभरते उद्यमियों की क्षमता को समझती है, जो अपनी भूमिकाओं के माध्यम से न सिर्फ धन का, बल्कि रोजगार के अवसरों का भी सृजन करते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि, योजना के लक्ष्य के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से वंचित उद्यमी वर्ग के अधिक से अधिक लाभार्थियों को शामिल किया जाता है. इस प्रकार हम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं.
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योजना की विशेषताएं और उपलब्धियां
स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य महिलाओं एवं अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के समुदायों के लोगों में उद्यमिता को बढ़ावा देना है और उन्हें विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र एवं कृषि से जुड़ी गतिविधियों के क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने में सहायता प्रदान करना है.
स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य
-महिलाओं एवं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समुदायों में उद्यमिता को बढ़ावा देना
-विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबंधित गतिविधि के क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यमों के लिए ऋण प्रदान करना
-अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक बैंक शाखा में कम से कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से सम्बंधित उधार लेनेवाले और उधार की इच्छुक कम से कम एक महिला को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच बैंक ऋण की सुविधा उपलब्ध कराना.
स्टैंड-अप इंडिया क्यों?
व्यापार में सफल होने के लिए उद्यम स्थापित करने, ऋण प्राप्त करने और समय-समय पर अन्य सहायता प्राप्त करने में महिलाओं एवं अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के समुदायों के लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान पर आधारित है. इसलिए यह योजना एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्रयास करती है, जो कारोबार करने के लिए सुविधाजनक तथा सहायक वातावरण प्रदान करता है और इसे बनाए रखता है. यह योजना उद्यम स्थापित करने के लिए उधार के इच्छुक व्यक्तियों को बैंक शाखाओं से ऋण प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती है. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं में इस योजना की सुविधा उपलब्ध है.
तीन संभावित तरीकों से मिल सकता है फायदा
-सीधे शाखा पर जाकर
-स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल (www.standupmitra.in) के माध्यम से
-अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से.
किन्हें मिल सकता है लोन?
-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी, जिनकी आयु 18 साल से ज्यादा है.
-योजना के तहत ऋण केवल परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं. इस संदर्भ में, ग्रीनफील्ड का मतलब है; विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में लाभार्थी का पहली बार उद्यम.
-गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, 51 प्रतिशत शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति और/या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए.
-उधार लेनेवाले को किसी बैंक/वित्तीय संस्थान में ऋण न चुका पाने का दोषी नहीं होना चाहिए.
इस योजना में ऋण प्राप्तकर्ता द्वारा जमा की जाने वाली अग्रिम धनराशि (मार्जिन मनी) के '15 प्रतिशत तक' होने की परिकल्पना की गई है. जिसे उपयुक्त केंद्रीय/राज्य योजनाओं के प्रावधानों के अनुरूप उपलब्ध कराया जा सकता है. ऐसी योजनाओं का लाभ स्वीकार्य सब्सिडी प्राप्त करने या अग्रिम धनराशि (मार्जिन मनी) जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है. लेकिन सभी मामलों में, उधार लेने वाले को परियोजना लागत का मिनिमम 10 प्रतिशत स्वयं के योगदान के रूप में देना होगा.
समर्थन और मार्गदर्शन
स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) द्वारा ऑनलाइन पोर्टल www.standupmitra.in विकसित किया गया है, जो ऋण के इच्छुक व्यक्तियों को बैंकों से जोड़ने के अलावा, संभावित उद्यमियों को व्यावसायिक उद्यम स्थापित करने के उनके प्रयास में मार्गदर्शन प्रदान करता है. इनमें ट्रेनिंग सुविधा से लेकर बैंक की आवश्यकताओं के अनुसार ऋण आवेदन भरने तक के कार्य शामिल हैं.
8,000 से अधिक समर्थन व मार्गदर्शन (हैंड होल्डिंग) एजेंसियों के नेटवर्क के माध्यम से, यह पोर्टल उधार के इच्छुक व्यक्तियों को विशेषज्ञ एजेंसियों से जोड़ने के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शन की सुविधा प्रदान करता है. जैसे कौशल विकास केंद्र, समर्थन व मार्गदर्शन, उद्यमिता विकास कार्यक्रम केंद्र, जिला उद्योग केंद्र आदि के पते और फोन नंबर.
01:56 PM IST